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श्रीश्रीश्री श्रीआदिनाथप्रभु का बिम्ब थिरापद्रनिवासी श्री. श्रीमालजातीय नीतूबाईने अपने कर्मों के क्षयार्थ करवाया।
_(१९८) सं० १५११ ज्येष्टक० ९ रविवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० सोना (सुवर्णराज) मा खेतलदेवी पुत्र गाढराज मा० भोलीबाई पुत्र कालचन्द्र भा० कामलदेवी, भाता धर्मा, नरिया ने पिता माता के श्रेयार्थ श्रीनमिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पिम्पलगच्छीय भट्टा० श्रीउदयदेवसरिने बालहर ग्राम में की।
(११९) सं० १५०६ चैत्रक० ५ गुरुवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० जयसिंह मा० वापुदेवी के पुत्र वनराजने पित सारंग, भ्राता कर्मण(कर्मसिंह) के श्रेयार्थ श्रीशान्तिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी सविधि प्रतिष्ठा पूर्णिमापक्षीय श्रीवीरप्रमसरि के उपदेश से निउरवाड़ा प्रामे में हुई।
(१२०) सं० १५३६ माषक सोमवार के दिन उपकेशवंशीय शा० राणा, मा० रयणाबाई के पुत्र खरहत्थ श्रावकने स्वमार्या माणिकबाई पुत्र लक्ष्मण, केशवण, कीर्ति, पौत्र मदराज, सूरराज माणिकराज सहित पुत्र रावण के श्रेयार्थ
"Aho Shrut Gyanam"