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(२३८ ) पिता, माता के श्रेयार्थ श्रीश्रेयांसनाथजी का बिम्ब कर. चाया, जिसकी प्रतिष्ठा पिम्पलगच्छीय श्रीउदयदेवमरि के पट्टधर श्री रत्नदेवमरिने पत्तननगर में की।
(१४६) सं० १५२९ फाल्गुनशु० २ शुक्रवार के दिन उपकेशवंशीय बड़हराशाख में शा० दुरगा भा० लीलादेवी के पुत्र सुभावक विक्रमदेवने स्वमा० पल्हादेवी, पुत्र व्याघ्रसिंह, भोजराज, क्षेमराज, क्षेत्रराज सहित पितृव्य साजन के श्रेयार्थ अंचलगच्छीय गुरुश्रीजयकेशरसूरि के उपदेश से श्रीविमलनाथप्रभु का बिम्ब प्रतिष्ठित करवाया।
(१४७) सं० १५१० वैशाखशु०३ के दिन ऊढवग्राम निवासी प्राग्वाटज्ञातीय व्यव० वीरमदेव भा० मनूबाई के पुत्र राघवदेवने माद हेमा, हीरा, वीसल भा० मचकूबाई के पुत्र अर्जुन, सांगा, सहजा, आदि कुटुम्बीजनों के सहित पिता के श्रेयार्थ श्रीसुमतिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा तपागच्छीय श्रीरत्नशेखरमरिने की।
(१४८) सं० १५०७ फाल्गुनकु० ११ गुरुवार के दिन व्यव० गोलराजने मा० महगलदेवी के श्रेयार्थ श्रीकुन्थुनाथजी का
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