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( २२७ ) नगर निवासी व्य० हारमलने पिताश्री साजनसिंह के पुण्यार्थ भी वासुपूज्यस्वामी का बिम्ब करवाया।
सं० १३६४ वैशाखशु०१३ के दिन थे० छाडराज पुत्र क्षेमराज भा० जयतुदेवी पुत्र केल्हण भा० लूणीबाई पुत्र हरपाल भा० कर्पूरदेवी पुत्र रत्नसिंहने मा० गौरादेवी सहित काका देवल, पुण्यपाल, पिता पितृव्य नरपाल के श्रेयार्थ श्रीआदिनाथ प्रभु का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा श्री महेन्द्र सूरि के प्रधर श्रीअभयदेवमूरिने की।
सं०१४३६ वैशाखक. ११ भोमवार के दिन श्रीमालज्ञातीय व्य. वीवा, भा० हमीरदेवी के पुत्र भूदेवने अपने माता पिता के कल्याणार्थ श्रीपार्श्वनाथप्रभु का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पिष्पलगच्छीय श्रीविजयप्रभसूरि के पट्टधर श्रीउदयानन्दमूरिने की ।
(११३) सं० १४७९ माघक० ७ सोमवार के दिन भावडार. गच्छानुयायी श्रीश्रीमालज्ञातिय व्य० भर्मराज के पुत्र सरवण(श्रवण )ने पुत्र पर्वत के श्रेयार्थ श्रीचन्द्रप्रभस्वामी का बिम्ब श्रीविजयसिंहमूरि द्वारा प्रतिष्ठित करवाया।
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