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ज्ञातीय श्रे० संदा (चन्द्रराज ) ० सूरदेवने पुत्र देव, पोपट आदि परिजनों सहित भार्या वागूबाई के श्रेयार्थ श्री कुन्धुनाथस्वामी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पूर्णिमापक्षीय श्री पुण्यरत्नसूरि के उपदेश से विधिपूर्वक हुई ।
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सं० १५८१ माघकृ० १० शुक्रवार के दिन श्री श्रीमालज्ञातीय वृद्वशाखा में मं० लाला ने भा० लीलादेवी पुत्र आशराज भा० उमादेवी पुत्र लाखा, हीरा, आदि परिवार सहित निगमप्रभावक श्री आनन्दसागरसूरि के द्वारा श्री शान्तिनाथजी का बिम्ब प्रतिष्ठित करवाया ।
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सं० १५१० कार्त्तिकक्र० ४ रविवार के दिन श्रीश्रीभालज्ञातीय व्य० लूणसिंह भा० लूणादेवी पुत्र संग्रामसिंह ने भा० वाल्हीदेवी के श्रेयार्थ श्रीशान्तिनाथजी का विम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा थिरापद्र में पिप्पलगच्छीय त्रिभविया श्रीक्षेमशेखरसूरिने की ।
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सं० १५२९ ज्येष्ठकृ० १ शुक्रवार के दिन विराणपुर निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० धना भा० धांधलदेवी पुत्र प्रेमराजने भा० आशादेवी पुत्र चांपा सहित माता पिता के
"Aho Shrut Gyanam"