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मा० शृंगारदेवी पुत्र कर्मसिंह सहित पिन देसलदेव, मात् महंगदेवी के श्रेयार्थ श्रीनमिनाथ का बिम्ब करवाया, जिसको श्रीपज्जूनमूरिने प्रतिष्ठित किया।
मेघा के पिता देसलदेव थे और महंगदेवी माता थी। प्रथा की दृष्टि से पित्मात् का उल्लेख मेघा के पूर्व होना चाहिये था।
सं० १४८५ माघशु० १० शनिवार के दिन श्रीश्री. मालझातीय मं० ठाकुरसिंह मा० अनकूदेवी पुत्र मं० काला ( कल्याणसिंह) ने माता पिता के श्रेयार्थ श्रीपद्मप्रभस्वामी का बिम्ब करवाया, जिसकी विधिपूर्वक प्रतिष्ठा पूर्णिमापक्षीय श्रीविद्याशेखरसूरि के उपदेश से हुई।
(७१) ___ सं० १५१७ माघकृ० ८ बुधवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० वीरा भा० शानीबाई पुत्र जोगाने मा०-भानूबाई पुत्र महीराज कुटुम्ब सहित अपने श्रेयार्थ श्रीनमिनाथ का बिम्ब पूर्णिमापक्षीय श्रीगुणसमुद्रसूरि के पट्टधर श्रीपुण्यरत्नसूरि के उपदेश से दोलावाड़ा ग्राम में सविधि प्रतिष्ठित करवाया ।
(७२) सं० १५३५ माघशु० ३ रविवार के दिन उपकेशवंश
"Aho Shrut Gyanam"