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( २१४) शा०राणिंगसिंह पुत्र गंगासिंह भा० महंधलदेवी पुत्र सांवल. सिंहने पुत्र वत्सा, तेजा सहित स्वमार्या क्षेत्रदेवी और वल्लालदेवी के श्रेयार्थ श्रीशान्तिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसको खरतरगच्छीय श्रीजिनमद्रसरिने प्रतिष्ठित किया।
सं० १५११ माघशु०५ श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० सांडा पुत्र अदऊ भा० गेलीबाई पुत्र हरराजने मा० बाऊबाई सहित अपने पिता के श्रेयार्थ श्रीआदिनाथ का बिम्ब करवाया, जिसको चैत्रगच्छीय धारणपद्रीय श्रीलक्ष्मीदेवमूरिने प्रतिष्ठित किया।
(६८) सं० १५५३ वैशाखशु० १३ सोमवार के दिन वावी. नगर निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० मना भा० डाहीबाई पुत्र रहिआने स्वमार्या रंगीबाई सहित अपने पिता, माता और पितजनों के एवं भ्राता के निमित्त तथा अपने श्रेयार्थ श्रीसुमतिनाथजी का बिम्ब करवाया जिसकी प्रतिष्ठा पिष्पलगच्छीय श्रीपद्यानन्दसूरिने की।
सं० १५०५ वैशाखशु० ३ शुक्रवार के दिन ब्रह्माणगच्छानुयायी श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य. मेघाने पुत्र गोसल
"Aho Shrut Gyanam"