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(३७) सं० १५२८ पौषकृ० ३ सोमवार के दिन काकरग्राम निवासी श्रीश्रीमालनातीय भंडारी भोला भा० वाहीवाईने अपने कल्याणार्थ जीवितस्वामि श्रीविमलनाथ का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा चैत्रगच्छीय धारणपद्री म० श्रीज्ञानदेवरिने की। .
(३८) सं. १५३४ ज्येष्ठशु० १० के दिन प्राग्वाटज्ञातीय व्य० गोपाल भा० लाखीबाई पुत्र व्य० लाखा ( लक्ष्मण ) भा० कीमीबाईने प्रमुख परिजनों के सहित अपने कल्याणार्थ श्रीशान्तिनाथ का बिम्ब करवाया, जिसको तपागच्छीय श्रीसोमसुन्दरसूरि, मुनिसुन्दरसूरि श्रीरत्नशेखरसूरि के पट्टधर श्रीलक्ष्मीसागरसूरिने प्रतिष्ठित किया ।
(३९) सं०१५३३ वैशाखशु०६ शुक्रवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० कर्मसिंह भा० लाडूबाई पुत्र श्रे० मामाकने अपनी मार्या देवलीबाई के सहित माता पिता और आत्मश्रेयार्थ श्री सुविधिनाथ का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा थरादनगर में नागेन्द्र गच्छीय भट्टा० श्रीगुणदेवसूरिने की ।
(४०) सं०१५२२ पौषकृ०१ गुरुवार के दिन उपकेशज्ञातीय
"Aho Shrut Gyanam"