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खण्ड द्वितीय : प्राचीन जैन अर्धमागधी वाङ्मय में ध्यान
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योग और ध्यान की भारतीय परम्परा आगम-कर्ता-अंगप्रविष्ट-अंगबाह्य आचारांग सूत्र और उसके व्याख्या साहित्य में ध्यान सूत्रकृतांग सूत्र में ध्यान सम्बन्धी निर्देश स्थानांग सूत्र में ध्यान सम्बन्धी विवेचना समवायांग सूत्र में ध्यान भगवती सूत्र और ध्यान प्रश्नव्याकरण सूत्र
औपपातिक सूत्र . उत्तराध्ययन सूत्र दशवैकालिक सूत्र दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र आवश्यक सूत्र
आवश्यक नियुक्ति खण्ड तृतीय : शौरसेनी प्राकृत साहित्य में ध्यानयोग
पृष्ठभूमि - षट्खण्डागम की धवला टीका मूलाचार - भगवती आराधना - आचार्यकुन्दकुन्द - पंचास्तिकाय, समयसार. नियमसार, मोक्षपाहुड़ कार्तिकेयानुप्रेक्षा योगसार
SAKSI
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द्रव्यसंग्रह
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