Book Title: Dharm Pariksha Part 03
Author(s): Chandrashekharvijay
Publisher: Kamal Prakashan Trust

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Page 29
________________ क्र. विषय ९३ | नियतक्रियाया मार्गानुसारिभावजनने नैकान्तिकत्वमात्यन्तिकत्वं वा | अन्यलिङ्गसिद्धादिभेदेनाजैनानामपि भावाज्ञासिद्धिः परसमयानभिमता स्वसमयाभिमतक्रियैव मार्गानुसारिताहेतुः इति पूर्वपक्षः | उभयाभिमताकरणनियमादिनैव पतञ्जल्यादीनां मार्गानुसारित्वप्रतिपादनमिति समाधानम् भवाभिनन्दिदोषप्रतिपक्षा गुणा एव हि नियता मार्गानुसारिताहेतवः, न तु काचित्क्रिया अजैनग्रन्थसम्मतिः अव्युत्पन्नस्याभिनिविष्टस्य निजमार्गदृढताकारणं, न तु अन्यस्य निश्चयतः परमतबाह्यानामेव मार्गानुसारित्वं, नान्येषां इति केषाञ्चिन्मतम् सद्ग्रहप्रवृत्तिजनितया नैश्चयिकया परसमयबाह्यतया पतञ्जल्यादीनामपि मार्गानुसारित्वमिति समाधानम् 双双双双双双双双双双双瑟瑟双双双双双瑟瑟瑟寒琅琅琅琅琅赛双双双双双双瑟瑟瑟寒双双双双溪親双双双双双英装双双双双翼翼寒寒寒寒滅惡惡惡惡惡双 BHAKKAKKARXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXEE 来源源源装寒寒寒寒寒寒寒寒寒寒球球球球球球球環球球球球球球球球球球球球球球球 મામહોપાધ્યાય યશોવિયજી રિચિત ધર્મપરીક્ષા - જોખરીયા ટીકા + વિવેચન સહિત કે

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