Book Title: Antim Tirthankar Ahimsa Pravartak Sargnav Bhagwan Mahavir Sankshipta
Author(s): Gulabchand Vaidmutha
Publisher: Gulabchand Vaidmutha
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नोट-विमलावाहनादिको जैन शास्त्रों में कुलकर कहा गया
है। यहां महायुगके आदिमें जो अवतार हुआ है उसे जिन अर्थात् जैन धर्मका आदि देव लिखा है । इसके अतिरिक्त मोहेनजदारोसे प्राप्त कमसे कम ५००० पांच हजार वर्ष पूर्व की सीलों और सिक्कोंमें पुरातत्ववेत्ता डा० प्राणनाथ विद्यालंकार के कथानानुसार ' नमों जिनेश्वराय' लिखा मिलता है । इससे भी विदित होता है कि युगके आदिमें जिन धर्म विद्यमान था । इसलिये सब धर्मों में जैन धर्मही प्राचीन धर्म प्रतीत होता है।
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