Book Title: Antim Tirthankar Ahimsa Pravartak Sargnav Bhagwan Mahavir Sankshipta
Author(s): Gulabchand Vaidmutha
Publisher: Gulabchand Vaidmutha
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भगवान महावीर का
जन्म
स्वप्न पाठकोंके शुभ वचन सुन हर्षायमान रानी त्रिशला अपने गर्भकी भली भांति सम्हाल करने लगी। शास्त्रानुकूल प्रवर्तिमें गर्भाधानकाल सुखपूर्वक बीतने लगा। एक एक दिन गिनते हुए पूरे नौ मास और साढ़े सात दिन बीत चुके । बस उसी समयसे जगत् की अनुचित प्रवृत्तियोंने कुछ पलटा खाया। दशोंदिशाओं में आनन्द और अनुरागकी लहरें उमड़ पड़ी। चारों ओर शीतल
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