Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 15 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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भगवतीसूत्रे
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।। जघन्योत्कृष्टयोगयोरल्पबहुत्वकोष्टकम् ॥
सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त
सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त
बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त
बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त
दीन्द्रिय अपर्याप्त
द्वीन्द्रिय पर्याप्त
त्रीन्द्रिय अपर्याप्त
त्रीन्द्रिय पर्याप्त
चतुरिन्द्रिय अपर्याप्त
चतुरिन्द्रिय पर्याप्त
असंझीपश्चेन्द्रिय अपर्याप्त
असंज्ञीपञ्चन्द्रिय पर्याप्त
संज्ञीपञ्चेन्द्रिय अपर्याप्त
संझीपश्चेन्द्रिय पर्याप्त
जघन्य| जघन्य जघन्य| जघन्य जघन्या जघन्य जघन्य| जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्या जघन्य
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શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૫
५४०
उत्कृष्ट | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट उत्कृष्ट उत्कृष्ट उत्कृष्ट उत्कृष्ट | उत्कृष्ट उत्कृष्ट | उत्कृष्ट । उत्कृष्ट | उस्कृष्ट | उत्कृष्ट उत्कृष्ट | २४ । २० । २५
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२१ । २६ ।