Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 15 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२५ उ.४ सू०१० क्षेत्रत्वेन पुगलनिरूपणम् ८७१ ज्योन नो द्वापरयुग्म० नो कल्योज । विधानादेशेन नो कृतयुग्मप्रदेशावगादाः मो योजप्रदेशावगाढाः, नो द्वापरयुग्मप्रदेशावगाढाः, कल्योजमदेशावगादाः । द्विभदेशिका: खलु पृच्छा गौतम ! ओघादेशेन कृतयुग्मप्रदेशावगाढाः, नो योज. नो द्वापर० नो कल्योज० विधानादेशेन नो कृतयुग्मप्रदेशावगाढा नो योजमदेशावगाढा द्वापरयुग्मप्रदेशावगाढा अपि कल्योजपदेशावगाढा अपि। त्रिपदेशिका: खलु पृच्छा-गौतम ! श्रोधादेशेन कृतयुग्मनदेशावगाढा नो योजनो कल्योज. विधानादेशेन नो कृतयुग्ममदेशावगाढाः व्योज प्रदेशावगाढा अपि द्वापरयुग्मः प्रदेशावगाढा अपि कल्पोजमदेशावगाढा अपि। चतुम्मदेशिका खलु पृच्छा गौतम ! ओघादेशेन कृतयुग्मप्रदेशावगादाः नो योज० नो द्वापर० नो कल्योजक, विधानादेशेन कृतयुग्मप्रदेशावगाढा अपि यावत् कल्योजपदेशावगाढा अपि, एवं यावदनन्तप्रदेशिकाः ॥०१०॥
टोका--'परमाणुपोग्गले णं भंते !' परमाणुपुद्गलः खलु भदन्त ! 'कि कडजुम्मपएसोगाढे पुच्छ।' किं कृतयुग्मपदेशावगाढः पृच्छा-हे भदन्त ! परमाणु पुद्गलः किं कृतयुग्मप्रदेशावगाढः योनपदेशावगाढः, द्वापरयुग्मप्रदेशावगाढः कल्योजप्रदेशावगाढो वेति प्रश्नः । भगवानाइ-'गोयमा' इत्यादि, 'गोयमा' हे गौतम ! 'नो कड जुम्मपपसोगाढे-नो तेओग० नो दावर० कलि योगपएसो.
अब क्षेत्ररूप से सूत्रकार पुलद्गों को विचार करते है-'परमाणु. पोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मपएसोगाढे पुच्छा' इत्यादि ।
टीकार्थ-गौतमस्वामीने प्रभुश्री से अब ऐसा पूछा है-'परमाणुपोग्ग लेणं भंते ! हे भदन्त ! परमाणुपुद्गल 'किं कडजुम्मपएसोगाढे पुच्छा' क्या कृतयुग्मप्रदेशावगाढ हैं ? अथवा योजप्रदेशावगाढ हैं ? अथवा द्वापर युग्म प्रदेशावगाढ हैं ? अथवा कल्योज प्रदेशावगाढ है ? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'गोयमा ! नो कडजुम्मपएसोगाढे, नो ते मोग० नो दावर० कलि भोग' पुद्गल का एक परमाणु न कृतयुग्म.
वे क्षेत्र३५थी सूत्र॥२ पुरानी विया२ रे छ. 'परमाणुपोग्गले वं भंते ! किं कडजुम्मपएसोगाढे पुच्छा' त्यहि
टी - श्रीजीतभाभीये प्रभुश्रीन अवु ५७युछे है- 'परमाणु पोग्गले गंभंते ! ॥२६ मापन ५२मा पुरस कि कडजुम्मपएसोगाढे पुच्छा' શું કૃતયુગ્મ પ્રદેશાવગાઢવાળું છે? અથવા એજ પ્રદેશાવગાઢવાળું છે? અથવા દ્વાપરયુગ્મ પ્રદેશાવગઢવાળું છે ? અથવા કલ્યાજ પ્રદેશાવગાઢવાળું छ १ मा प्रश्न उत्तरमा सुश्री गौतभस्वामीन डे छ -“गोयमा! नो कजुम्मपएसोगाढे नो तेओग० नो दावर० कलिओग०' पुशसानु मे ५२मार
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૫
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