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अजीव तत्व।
[१३१ शिष्य--कृपा करके छहों द्रव्योंके विशेष गुण फिर बता दिजिये ।
शिक्षक-जीव द्रव्यके विशेष गुण ज्ञान, दर्शन, सुख, वीर्य. सम्यक्त, चारित्र आदि है, पुद्गलके विशेष गुण स्पर्श, रस, गंध, वर्ण है, धर्मास्तिकायका विशेष गुण जीव व पुद्गलको गमनमें सहाय करना है, अधर्मास्तिकायका विशेष गुण जीव व पुद्गलको, ठहरनेमें सहाय करना है, आकाशका विशेष गुण, सर्वको जगह देना है, कालका विशेष गुण सर्वकी अवस्थाओंको पलटनेमें सहायता देना है।
सामान्य गुण छहों द्रव्योंमें पाए जाते है। जबकि विशेष गुण खास अपने अपनेमें पाए जाने हैं। सामान्य गुण छ: बहुत ही आवश्यक है।
(१) अस्तित्व गुण-जिस शक्तिके निमित्तसे द्रव्यका कभी नाग न हो, द्रव्य सदा बना रहे ।
(२) वस्तुत्व गुण-जिस शक्तिके निमित्तसे द्रव्य कुछ काम करे व्यर्थ न रहे।
(३) द्रव्यत्व गुण-जिस शक्तिके निमित्तसे द्रव्यमें एकसी व मिन्न प्रकारकी अवस्थाऐं बदला करें।
(४) अगुरुलघुत्व-जिस शक्तिके निमित्तसे द्रव्य अपनी मर्यादामें रहे कभी कम या अधिक न हो न वह बदल कर दूसरा द्रव्य होसके न इसका कोई गुण अन्य गुणरूप बदल सके । जिस द्रव्यमें जितने गुण हों वे उसमें बने रहें। कोई नया गुण उसमे आकर न मिले।
(५) प्रदेशत्व गुण-जिस शक्तिके निमित्तमे द्रव्यका कुछ न कुछ आकार अवश्य हो।