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जैनधर्म और हिंदु दर्शन।
[२९१ __ भावार्थ-इस तरह जो कोई किसी पशुको मारेगा उसको परमात्मा स्वीकार नहीं करेगा। पैगम्बर ऐस्कन्दरमढ़ने कहा है-ए पवित्र मानव ! परमात्माकी यह आज्ञा है कि पृथ्वीका मुख रुधिर, मैल तथा माससे पवित्र रक्खा जावे । अमरदाद पैगम्वर वनस्पतिके लिये कहा है कि इसे वृथा नष्ट करना न चाहिये. न वृथा हटाना चाहिये।
शिष्य-पासी धर्ममें भी अहिंमा व मांसाहार विरोधका सिद्धात जानकर बडा हर्ष हुआ। अब आप वह बताइये कि मुसलमानोंके कुरानमे जैन धर्मसे मिलती क्या २ बातें हैं।
मुसलिम धर्म। शिक्षक-मैंने कुरानका ढंग्रेजी उल्या पढा है जिस पुस्तकका नाम है
'The Koran translated from the Arctic by the Rev, Jom Roincil. M. A London 1924
उसमेंके कुछ वाक्य बताता हूं-,
(59) S. 38--follow not thy passisons, lest they cause thuc 10 err from the way of God.
भावार्थ-अपने क्रोधादि कषायोंको वश करो, नहीं तो तुम परमात्माके मार्गसे पतित होजाओगे।
(67) S, 27-If ye do well, to your own behalf will ye de well and if ye do cvil, against yourselves will ge do it Verily this Koran guided 10 what 18 most upright, and it announces to believers, who do the things that one right, that