Book Title: Sutrakritang Sutra Author(s): Sudarshanlal Acharya, Priyadarshan Muni, Chhaganlal Shastri Publisher: Shwetambar Sthanakvasi Jain Swadhyayi SanghPage 14
________________ आपकी माताजी श्रीमती एजनबाई जी भी धर्मशीला महिला थी। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती चंचलबाई जी खटोड़ एक आदर्श गृहिणी एवं धर्म कार्यों में पर्याप्त रूचि लेने वाली है। आपका पूरा परिवार परंपरातः आचार्य श्री सोहन लाल जी म. सा. एवं वर्तमान आचार्य श्री सुदर्शनलाल जी म. सा. के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं। 4. श्रीमान बुधराज जी सा. लूणावत, बिजयनगर बिजयनगर (जिला-अजमेर) की विख्यात फर्म - श्रीमान् मोहनलाल-शोभागमल के मालिक श्रीमान् बुधराज त एक अच्छे धार्मिक, श्रद्धाशील, दूरदृष्टि संपन्न, मधुर भाषी, उदार हृदयी व्यक्ति हैं। आपकी परिश्रमशीलता एवं दृढ़ अध्यवसाय से बिजयनगर, इन्दौर, अहमदाबाद आदि क्षेत्रों में फैला हुआ व्यवसाय निरन्तर प्रगति पर हैं। परिश्रम पूर्वक उपार्जित लक्ष्मी का आप शुभकार्यो में मुक्त दृस्त से सदुपयोग भी करते हैं। आपके पिता श्रीमान् मोहनलाल जी सा. लूणावत भी परम गुरूभक्त एवं श्रद्धालु सुश्रावक थे। आपके ज्येष्ठ भ्राता श्रीमान् गुलाबचंद जी सा. लूणावत दशाब्दियों तक श्री संघ बिजयनगर के अध्यक्ष रहे एवं पूज्य गुरूवर्य श्री पन्नालाल जी म. सा. द्वारा समुपदिष्ट प्रत्येक संस्था के संचालन में समर्पण भावों से तन-मन-धन से भरपूर सहयोग देते रहे। श्रीमान् बुधराज जी सा. की धर्मशीला जीवन-संगिनी श्रीमती चांदकंवरबाई जी भी धर्म पर श्रद्धा रखने वाली आदर्श गृहिणी है। आपके सुपुत्र श्री महेन्द्रकुमार जी, श्री सुरेन्द्रकुमार जी, श्री राजेन्द्रकुमार जी व श्री नरेन्द्रकुमार जी भी उत्साही युवाशक्ति है। श्री नानक वंश के प्रति आपके सम्पूर्ण परिवार का पूर्णतः समर्पण-भाव व दृढ श्रद्धा-भक्ति रही है। 5. श्रीमती सोभाग कंवर बाई जी हरकावत ___मूलतः किशनगढ़ निवासी स्व. श्रीमान् मोतीसिंह जी सा. हरकावत की धर्मपत्नी श्रीमती सोभागकंवर बाई जी एक आदर्श धर्मानुरागिणी महिला है। आप सेवाशील, उदार हृदयी, बात्सल्य मूर्ति माताजी के रूप में समाज में समाहत हैं। आपके पाँच पुत्रों में से श्रीमान् पारसमल जी सा. हरकावत किशनगढ़ में ही राजकीय सेवाओं में संलग्न है। श्रीमान इन्दरचंद जी सा. हरकावत ने जयपुर में आकर अपना ज्वेलरी का व्यवसाय प्रांरभ किया एवं श्रीमान् गौतमचंद जी, पदमचंद जी व ज्ञानचंद जी भी आपके साथ वहीं व्यवसाय में संलग्न है। जयपुर के अतिरिक्त विदेशों में भी बैंकाक आदि स्थानों पर आपका व्यवसाय उन्नति पर है। श्रीमान् इन्दरचंद जी सा. श्री सुबोध जैन शिक्षा समिति के कोषाध्यक्ष रहे है तथा वर्तमान में श्री स्वाध्यायी संघ गुलाबपुरा के उपाध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं। 6. श्रीमती जेनीबाई जी सिंधवी, बिजयनगर बिजयनगर निवासी स्व. भूरालाल जी सा. सिंघवी की धर्मपत्नी श्रीमती जेनीबाई जी सिंघवी धर्मपरायणा आदर्श सुश्राविका है। उन्होने अपने जीवन की नैतिकता से सम्पूर्ण परिवार को दिशा-निर्देश देकर सेवा, संस्कार एवं उदारता के क्षेत्र में अग्रणी बनाया। आपके सुपुत्र श्रीमान माणकचंद जी सा. का बिजयनगर में 'सर्राफ' का प्रतिष्ठित एवं प्रामाणिक व्यवसाय है। आपके सुपौत्र श्रीमान् ज्ञानचंदजी सिंघवी उदार, कर्मठ एवं धर्मनिष्ठ होनहार युवक हैं । आप सीमेन्ट-व्यवसाय के क्षेत्र में भी अपार प्रगति कर जे.के समूह से सम्मानित हुए हैं। वर्तमान में आप श्री नानक जैन श्रावक समिति बिजयनगर के मंत्री पद पर रहकर समाज-सेवा के क्षेत्र में अग्रणी बने हुए हैं।Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 658