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अने एकेक परमाणुआमां अनंता पर्याय रह्या छे. परमाणुआ अनंत छे. ए रीते पांच द्रव्य समदेशी छे, अने कालद्रव्य अमदेशी छे, एनो गणित काल तो उत्पाद व्ययरूप पलटण स्वभावे अढी द्वीप प्रमाणे जाणवो. ए ते षड् द्रव्यमां समदेशी अने अप्रदेशीनो विचार को.
षड् द्रव्यमां त्रण द्रव्य एक, अने त्रण द्रव्य अनेक जाणवां. कारण के धर्मास्तिकाय द्र. व्य असंख्यात प्रदेशी, लोकव्यापी एक जाणबुं. तेमज अधर्मास्तिकाय द्रव्य असंख्यात प्रदेशी लोकव्यापी एक जाणवुं. तेमज आकाशास्तिकाय द्रव्य पण अनंत प्रदेशी लोकालोकव्यापी एक जाणवु, एम ए त्रण द्रव्य ते एक कहीए, अने जीव द्रव्य छे ते लोक
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