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(१८५) करणेते ॥७॥ अतिक्रामन्तिसहसा। तंग्रन्थिदुरतिक्रमम् । अतिक्रान्तमहाध्वानो घट्टभूमिमिवाध्वगाः ॥ ८॥
(३) अनिवृत्तिकरण जे करण याने वीर्यशक्ति प्राप्त थया बाद जेनी निवृत्ति थती नथी अथोत् सम्यक्त्व प्राप्त थया विना जेनी निवृत्ति थती नथी. तेने अनिवृत्ति करण कहे छे आ करणनो केटलोक काळ गये थके अने एक भाग बाकी रहे थके मोटी जे स्थिति तेना बे विभाग करे छे. एक नानी स्थिति अने बीजी मोटी स्थिति. नानी स्थितिने आ करणमां भोगवी क्षय करे छे अने मोटी स्थितिमांथी जे दलीयाओ थोडा स
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