Book Title: Shaddravya Vichar Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(२१३)
माणे तेओ निश्वयसम्यक्त्वनी व्याख्या करे छे पण तेनो प्रवचनसारोद्धारवृत्ति - नवपद प्रकरणवृत्ति-धर्मसंग्रहवृत्ति - आचारांगसूत्र टीका वगेरेमां कथेला निश्चय सम्यक्त्वनी साथे मतभेद देखाय छे, नवपदप्रकरणवृत्ति, धर्मसंग्रह वगेरेमां क्षायिक समकितने निश्चय समकितथी भिन्न गण्युं छे अने श्रेणिकने क्षायिक सम्यक्त्व छतां निश्चय सम्यक्त्व नथी एम स्पष्ट कथ्युं छे. आगमसारना कर्त्तानी जे निश्चय सम्यक्त्वनी व्याख्या करी छे ते पण उपरनी व्याख्याथी भिन्न पड़े छे तो पण अनुभवनी अपेक्षाए अप्रमत्त साधुओने जे निश्चय सम्यक्त्व कथ्युं छे तेनी साथै संबंध कथंचित् वंधबेसतो आवे छे. अप्रमत्त साधुओ, निश्चयनयनी अपेक्षाए पोताना आ
www.kobatirth.org
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254