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(२३०) स्कृष्टयी अपार्ध पुद्गलपरावर्त जाणवू. कह्यु छ केतिथ्थयरपवयणे सुअं आयरिअं गणहरं महड्डीअं आसायंतो बहुसो-- अणंतसंसारिओ होइ ॥
नाना जीवोनी अपेक्षाए तो सम्यक्त्वना आंतरानो अभाव छे. ___ परिपूर्ण चतुर्दश पूर्व वा दशपूर्वनुं परिपूर्ण जेने ज्ञान छ तेने नियमाए सम्यक्त्व होय छे. बाकीना के जे किश्चिन्न्यून दश पूर्वधरो होय छे तेओने सम्यक्त्वनी भजना जाणवी. तेओने सम्यक्त्व होय वा मि
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