Book Title: Shaddravya Vichar Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 216
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (२०१) भावसम्यक्त्व ए चार निक्षेपथी सम्यक्त्व अवबोध-द्रव्यसम्यक्त्वनी प्राप्ति बाद भावसम्यकत्वनी प्राप्ति थाय छे, माटे द्रव्यसम्यक्त्वना जे जे हेतुओ होय तेओर्नु अवलंबन करतां सर्व जीवोने साहाय्य आपवी. तथा सामान्यतः जेने सव्वाइंजिणे सरभासिआई, वयणाई नन्नहा हुंति श्य बुद्धि जस्स मणे-सम्मत्तं निचलं तस्स ॥ एवी श्रद्धा होय तेने द्रव्यसम्यक्त्व जाणवू. ___भावसम्यक्त्व-नयनिक्षेपप्रमाणादिभिरधिगमोपायो जीवाजीवादिसकलतत्त्वपरिशोधनरूपज्ञानात्म www.kobatirth.org For Private And Personal Use Only

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