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नुष्य भवना पर्यायनो उत्पाद थयो. एम जीव अशुद्ध अनित्य पर्याये उत्पाद व्ययरुप पलटण स्वभावे चार गतिरूप संसारमा सदाकाल वर्ते छे, अने जीव एनोए ध्रुवपणे शाश्वतो छ, तथा जीवना जन्म मरण थाय छे ते सर्व उत्पाद व्यये थाय छे, मादे द्रव्यास्तिकनये जीवने नित्य समजवो, अने प
यास्तिक नये करी जीवने अनित्य समजदो. ए रीते षड् द्रव्यमां निश्चय व्यवहारे नित्यानित्यपणुं जाणवू...
षड् द्रव्यमां जीव द्रव्यने पांच द्रव्य कारण रुप जाणवां, अने जीव द्रव्य अकारण जाणवू, जेमके जीवकर्ता अने तेने धर्मास्तिकाय कारण मळ्यु, तेवारे जीवने चालवा हालवा रुप कार्य थयु. तेमज जीवकर्ता अने
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