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(१७२) निर्जरा अने मोक्ष ए त्रण तत्त्व आदरवा योग्य छे. __ जीवो संवर निजर, मुखो चस्तारि हुंति अरुवी, रुवी बंधासवपुण्ण पावा,मिस्स हुँति अजीवोजीव, संवर, निर्जरा अने मोक्ष ए चार तत्त्व अरूपी छे. बंध, आस्रव, पुण्य अने पाप ए चार तस्वरूपीछे, अने अजीव तत्व रूपी पण छ, अने अरूपी पण छे. धर्म, अधर्म, आका, श अने काळ ए चार द्रव्य अजीव तथा अरूपी छे अने पुद्गल द्रव्य अजीव रूपी छे. __ छ द्रव्यना अगीआर ११ सामान्य स्वभाव कहे छे.
१ अस्तिस्वभाव २ नास्तिस्वभाव ३
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