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(११९) शमां बीजा समयमां अनंत परमाणुआ तथा अनंतजीव प्रदेशने चलणसहायीपणो थयो. तेवारे असंख्याता चलणसहायनो व्यय, अने अनंता चलणसहायनो उपजवो, अने चलणसहाय गुणपणे ध्रुव एम धर्म द्रव्यमध्ये उत्पाद, व्यय, अने ध्रुवपणो. थइ रह्यो छे. ते प्रमाणे अधर्म, आकाशादि द्रव्यमा जाणवू. तथा वली कार्य कारणपणे उत्पाद. व्यय तथा अगुरु लघुपर्यायना चलननो उत्पाद, व्यय, पंचास्तिकायमां कहेवो. तथा कालद्रव्य ते उपचारथी द्रव्य छे. तेनुं सर्व खरूप उपचारथीज कहेवू. ए रीते सर्व द्रव्यमां सत्पणो छ, जो अगुरु लघुनो भेद न थाय, तो प्रदेशोनो माहोमा हे भेद थाय नहीं. माटे अगुरु लघुनो भेद सर्वमा छे.
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