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(१२१) ए छ प्रकारनी हानि समजवी.
सर्व द्रव्यमा ए छ प्रकारनी हानि तथा वृद्धि सदा समये समये थइ रही छे. उपजवो ( उत्पाद ) अने हानि कहेतां (व्यय) कहीए. ए अगुरु लघुत्व कहूं. अगुरु लघु गुणने गोत्रकर्म रोके छे. ए अगुरु लघु स्वभाव सदा समये समये द्रव्यमा परिणमे छे.
ए छ द्रव्यमां जेटला सरखा गुण छ, तेने सामान्य गुण कहे छे.
जे गुण एक द्रव्यमां छे अने ते गुण बीजा द्रव्यमां नथी, तेने विशेष गुण कहे छे.
जे गुण कोइक द्रव्यमा छे, अने कोइक द्रव्यमा नथी, तेने साधारण असाधारण गुण कहे छे.
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