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(६१) लोकाकाशमां पांच द्रव्यमांनु कोइ पण द्रव्य नथी. धर्मास्तिकायअधर्मास्तिकाय; पुद्गलास्तिकाय काल अने जीव, ए पांच द्रव्यो अलोकमां नथी...
लोकाकाशमां स्व सहित छ द्रव्य छे, लोकाकाश द्रव्य तथा धर्मास्तिकीय द्रव्य अने अधर्मास्तिकाय ए त्रण द्रव्य ते अनादि अनंत छे. जे लोकाकाशना एकेक प्रदेशमा धर्म द्रव्य तथा अधर्म द्रव्यनो अकेक प्रदेश रह्यो छे, ते कोइ काले विछडशे नहीं. माटे अनादि अनंत जाणवो. लोकाकाश क्षेत्र अने जीव द्रव्यनो अनादि अनंत संबंध जा. णवो. संसारी जीव कर्म सहित तथा लोकनाप्रदेशनो सादि सांत संबंध छे, लोकांत सिद्धक्षेत्रना सिद्ध जीवोनो, आकाश प्रदेश साथे
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