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(९७) जाणवो (२) तेनो ज्ञाता जीव (३) ज्ञेय ते सर्व द्रव्य.
(१) ध्यान ते जावना स्वरुपy (२) ध्याननो ध्याता जीव (३) ध्येय ते आत्मानु स्वरूप. आत्माना त्रण भेद छे, १ बहिरात्मा २ अन्तरात्मा ३ परमात्मा.
१ शरीर, मन, लेश्या अने इंद्रियादि वस्तुने अज्ञानी जीव आत्मबुद्धिए माने ते पहेलो बहिरात्मा जाणवो. दहा-पुदगलमां राची रहे, पुद्गल सुखनिधान, तस लाभे लोभ्यो रहे, बहिरातम अभिधान ॥ १ ॥ पुद्गलथी न्यारो नहीं, आतम एवी बुद्धि, बहिरातम सुख शुं लहे, प्रगटे नहीं स्वशुद्धि ॥२॥
२ देह सहित जीव छे पण निश्चय
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