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(७४) सामान्य संग्रहना बे भेद छे. १ मूल सामान्यसंग्रह २ उत्तर सामान्यसंग्रह. वळी मूळ सामान्यना अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, सत्त्व, अगुरुलघुत्व ए छ भेद छे तथा उत्तर सामान्यना बे भेद छे.
१ जाति सामान्य २ समुदाय सामान्य. तत्र गायना समुहमां गोत्वरुप जाति छे तथा घट समुदायमां घटत्व अने वनस्पतिमां वनस्पतिपणो ते जाति सामान्य कह्यो. आंबाना समूहने अंब वन कहे, तथा मनुष्यना समुहमा मनुष्य ग्रहण थाय ते समुदाय सामान्य. ए उत्तर सामान्य ते चक्षुदर्शन तथा अचक्षुदर्शनग्राही छे, अने मूल सामान्य ते अवघिदर्शन तथा केवळ दर्शनथी ग्रहवाय छे.
अथवा छ द्रव्यना समुदायने द्रव्य के
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