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८ सर्व जीवना आठ रुचक प्रदेश निर्मल छे ते शुद्ध द्रव्यार्थिक नय जाणवो.
९ सर्व जीवना असंख्याता प्रदेश एक सरखा छे ते सत्ताद्रव्यार्थिकनय जाणवो.
१० गुण गुणी एक छे ते परमभाव ग्राहक द्रव्यार्थिक नय जाणवो. जेम आत्मा ज्ञानरूप छे.
इत्यादिक द्रव्यार्थिक नयना दश भेदका. हवे पर्यायार्थिक नयना छ भेद कहे छे. जे पर्यायने ग्रहे तेने पर्यायार्थिक नय कहे छे, तेना छ भेद नीचे प्रमाणे.
एक द्रव्य पर्याय, बीजो द्रव्य व्यंजन पर्याय, त्रीजो गुणपर्याय, चोथो गुण व्यंजन पर्याय, पांचमो स्वभाव पर्याय, छठ्ठो वि भाव पर्याय ए छ छे.
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