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(५७) अनंत भांगो पुद्गल द्रव्यमां नथी.
काल द्रव्यमां अनादि अनंतमा भांगे चार गुणो छे. पर्यायमां अतीत काल अनादि सांत छे. अने वर्तमानकाळ सादि सांत छे. तथा अनागत काळ सादि अनंत छ. ए कालर्नु स्वरूप सर्व उपचारथी छे. ए रीते काल द्रव्यमां चौभंगी जाणवी.
हवे द्रव्य, क्षेत्र, काल, अने भावमां चौभंगी कहे छे. ___ जीव द्रव्यमा स्वद्रव्यथी ज्ञानादिक गुण छे ते अनादि अनंत छ.
स्वक्षेत्रे जीवना प्रदेश असंख्याता छे. ते सादि सांत छे, तदुद्वर्तनापणे फरे छे, ए हेतु थी, अथवा अवगाहना माटे सादिसांत छे, पण
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