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(४५)
धर्मास्तिकायना चारगुण नित्य छे. तथा पर्यायमां धर्मास्तिकायनो एक खंध नित्य छे. बाकीना देश, प्रदेश, अने अगुरु लघु, एत्रण पर्याय अनित्य छे. अधर्मास्तिकायना चार गुण, तथा एक लोकप्रमाण खंध नित्य छे. अने बाकीना त्रण पर्याय अनित्य छे. आकाशास्तिकायना चार गुण, तथा लोकालोक प्रमाण खंध नित्य छे, अने देश, प्रदेश, तथा अगुरु लघु, ए त्रण पर्याय अनित्य छे. कालद्रव्यना चारगुण नित्य छे अने चार पर्याय अनित्य छे. पुद्गल द्रव्यना चार गुण नित्य छ, अने चार पर्याय अनित्य छे. जीव द्रव्यना चार गुण, अने त्रण पर्याय नित्य छे, अने एक अगुरु लघु पर्याय, अनित्य छे. ए रीते नित्यानित्य पक्ष कह्यो.
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