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(२९) काय, अधर्मास्तिकाय, आकाश द्रव्य, अने काल ए चार अक्रिय छे. जीव अने पुद्गल, एबे द्रव्य सक्रिय, व्यवहार नये छे. धर्मास्तिकाय द्रव्य ते जीव अने पुदगल ए बे द्रव्यने चालवामां सहाय आपवा रुप क्रिया करे छे तथा निश्चयनये अधर्मास्तिकाय पण जीव द्रव्य अने पुद्गल द्रव्यने स्थिर थवामां सहाय गुणरूप क्रिया करे छे. तथा निश्चयनये आकाशास्तिकाय द्रव्य पण जीव तथा अजीवने अवगाहना आपे छे. तथा निश्चयनये काल द्रव्य पण जीव अजीवरुप वस्तुमा पोतानी वर्तनारुप क्रिया करतो जाय छे. तथा निश्चयनये जीव द्रव्य पण पोताना स्वरुपमा रमवारुप क्रिया करतो जाय छे, कारणके जो निश्चय
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