Book Title: Samarpanam
Author(s): Ratnabodhivijay, Sanyambodhivijay
Publisher: Jainam Parivar

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Page 13
________________ CCCCC (या भावाना वायुमंडलमा गुमराह बबली नदी पेऊन अनुशासन किद्धांतोमा व्यवस्थित करणी 어에 होष्ट हती (ड) मैने तरी पाग अनुशासनले समय शो तथा जी हरवान लाल पेठ सुध लेवान तेमनी पांसे भुवननी व्यरमआग सुती रजप्रमन्त यगे संयम लपर्नु यासल डरवानी साथै प्रभु शासन देखने સંધના અલ્ગુ घ्य मारे लेखो गुगुम्या ज्या शा सेमना शिष्याहि परिवार पाग गुरुला अर्थने सागण छपारी रहा छ, जसो साधुखो मुद्दा गयला गुस्हवेको गरछ खाने नोम च्या योगशील मुनिजनी संख्या तसे खागज वह रसो छ वायवाखो भ्रपरानो, शिवीरों, वगेरे प्रवृत्तिरतो भाग स्व गुम्देली रा मुभज सुंदर व्याल रही छ अलु शासनना भन्यो जेगोळे Yrl fam लोमनी यानेनाल पूली मारे शाहपुर खाले मानस मेहिरानी स्थापना पाग यही ग छ, लेखामा सत्याहि दया ही पाग पुक्यजनी यावेना शेप जारी गरेरी (नाग) दिदि दिषयो पर जानी नाली सरनुझे सरजलाषामा तैयार थाय रुके लेलो लाल रुप प्राप्त व्यच्छ विषया में शान सरमनाश प्राप्त यह शो तरेत नुक्याह गुरुध्यनी हरछा मार्ग स्वानो भारत भारा शिष्य चेखास सेयम्‌ बोधिलभ्यत न् हुन् हैया होते प्रास्यद्वा आन्दनो विषय पं. मध दिदा सारा शास छ. संयम तपला पगारा राधा शासन प्रलापना पाग सुंदर ऐसे ही सा डायलो तेस्रो सुहर सरजताको प्राप्त रि खेटनु ४ नातु पाग बेचनी बेड तरिक नाराधना साथै शासन रक्षा- 20ल्युध्यन गुरुध्यनी रजन्य छाया पूर्ण 5241 प्रयत्लास जने अले सइजताने पर रूष शुभेच्छा - शुभाशीष धनतेरस से २०५६ हेमचंद्रपूर सुरक्षनगर

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