Book Title: Nagri Pracharini Patrika Part 11
Author(s): Gaurishankar Hirashankar Oza
Publisher: Nagri Pracharini Sabha

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Page 12
________________ विशाल भारत के इतिहास पर स्थूल दृष्टि १४५ मिस्र में एसिनीज (Essenes) और थेराप्यूट (Therapeuts) लोग रहते थे। ये दोनों बौद्ध मतावलंबी थे। इन देशों में बौद्धों ने २०० वर्ष पूर्व से वही धर्म फैला रखा था जिसका प्रचार बाद में ईसा ने किया। ईसा के आगमन से पूर्व "जान बेप्टिस्ट' (John, the Baptist ) एसिनीज लोगों के मत से भली भांति परिचित था। कुछ लोगों का विश्वास है कि वह स्वयं बौद्ध था। कदाचित् ईसा ने बौद्धधर्म के सिद्धांत इसी से सीखे थे। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रारंभ में ईसाई और बौद्ध धर्म में कितनी समानता थी। ____ भारतीय संस्कृति का विस्तार अशोक के काल से मुसलमानों के आक्रमण तक बराबर अन्य देशों और जातियों में होता रहा। इस विस्तार को हम दो भारतीय संस्कृति विभागों में बाँट सकते हैं जिसमें इसके का अन्य देशों में विस्तार अध्ययन में सुभीता हो। एक तो भारत के पश्चिमोत्तरी देशों और जातियों में, दूसरा पूर्वी देशों और जातियों में। इस विभाग में चीन, तिब्बत, नैपाल, जापान, मध्य एशिया ( जिसको Serindia भी कहते हैं ) अर्थात् खुतन, कूचा, है काशगर, आदि सब देशों को शामिल पश्चिमोत्तर देशों में जागर, आदि सब दशा का - कर सकते हैं। इस विभाग में कूचियन, सोगडियन, मंगोलियन इत्यादि जातियों पर भारतीय संस्कृति का बड़ा भारी प्रभाव पड़ा जिसके कारण उन्होंने इस संस्कृति को चीन इत्यादि देशों में फैलाने में बड़ा भारी काम किया। (१) देखो ' Fountain-head of Religion,' by Pt. Ganga Prasad, M.A., 4th Ed., pp. 17. 18. ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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