Book Title: Nagri Pracharini Patrika Part 11
Author(s): Gaurishankar Hirashankar Oza
Publisher: Nagri Pracharini Sabha

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Page 56
________________ हिंदी की गद्य-शैली का विकास १८६ समस्त उत्तरी प्रांतों में बढ़ चला। इसी समय अँगरेजों का अधिकार उत्तरोत्तर बढ़ने लगा था । अतः दिल्ली और प्रागरा की प्रधानता अब बिहार और बंगाल की ओर अग्रसर हुई। इस प्रकार हम देखते हैं कि वह सभ्यता और भाषा जो केवल युक्त प्रांत के पश्चिमी भाग में बँधी थी, धीरे धीरे संपूर्ण युक्त प्रांत, बिहार और बंगाल में फैल गई। इधर मुसलमानों ने अपनी राजधानियाँ बिहार और बंगाल में स्थापित की; उधर बंगाल में अँगरेजों की प्रधानता बढ़ ही रही थी। फलतः व्यापार धीरे धीरे पश्चिम से पूर्व की ओर प्रसारित हुआ। इसका प्रभाव भाषा की व्यवस्था पर भी पड़े बिना न रहा। वह खड़ी बोली, जो अब तक पश्चिमी भाग में ही बँधी थी, समस्त उत्तरी भारत में अब अपना अधिकार जमाने में समर्थ हुई। ___ भारतवर्ष में अँगरेजों के आते ही यहाँ की राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक परिस्थिति में विप्लव उपस्थित हो उठा। राज्य-संस्थापन तथा प्राधिपत्य-विस्तार की इनकी भावना ने यहाँ के राजनीतिक जगत् में उलट-पुलट उत्पन्न कर दिया। इनके नित्य के संसर्ग ने तथा रेल, तार की नूतन सुविधाओं ने यहां के रहन सहन और प्राचार विचार में परिवर्तन ला खड़ा किया। इन लोगों के साथ साथ इनका धर्म भी लगा रहा। इनका एक अन्य दल धर्म-प्रचार की चेष्टा कर रहा था। धर्म-प्रवर्तन की इस चेष्टा ने धार्मिक जगत् में एक प्रौदोलन उपस्थित किया। सब ओर एक साधारण दृष्टि फेरने से एक शब्द में कहा जा सकता है कि अब विज्ञान का युग प्रारंभ हो गया था। लोगों के विचारों में जागर्ति हो Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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