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मुंहता नैणसीरी ख्यात तरै रावळ केहररो वडो बेटो केल्हण थो, जिणनूं परो काढियो; नै लखमण मुदायत कियो' ।
१ सोम केहररो, देवड़ी लाछारै पेटरो । इणरै को दिन विकूपुर हुतो। तिण सोमरै वांसला सोम-भाटी छ ।
पछै राव केल्हण सोमरै सगो-भाई विकूपुर आयो। पछै सोम कतार आई हुती तिणरो दांण चुकावण गयो हुतो । वांसं केल्हण किंवाड़ प्राडा दिया। पछ सोम जायने देरावर लियो । वरस पांच-सात सोम जीवियो, पछै सोम मुंवो' । ___टीकै सहसमल बैठो । पछै सोमरै बेटै सहसमल ऊपर जेसळमेररो धणी आयो, तद सहसमल किंवाड नांख बाज मुंबो' । गढ देरावर, सोम नै सहसमलरी देवळियां छै ।
रूपसी सोमरो बेटो। तिको आपरा भतीज लेनै सिंध गयो । पछै राव वरसिंघ रूपसी सोमोतनूं गांव ५ विकूपुररा दीना, पाछो विकूपुर प्रांणियो । १ ग्रावधी वसै ।
१ वजु । १ कंपासर । १ सिंध । १ पीथासर ।
तिण सेवड़ा मांहै औ गांव प्रागै राखसियांरा हुता, पछ सोमनूं दिया।
१ कलिकरण केहरो, लाछां देवड़ीरै पेटरो। तिणरै वांसला जेसा
____ I तव रावल केहरका बड़ा बेटा जो केल्हण था, उसको निकाल दिया और छोटे वेटे लखमणको राज्याधिकारी बनाया। 2 कोई दिन इसके अधिकारमें विकंपुर था। इस सोमके वंशज सोम-भाटी हैं। 3 सहोदर भाई। 4 पीछे सोम एक कतार (मालसे भरा हुआ ऊंटों आदिका काफिला) आई थी, उसका कर चुकानेको गया हुआ था। 5 पीछेसे केल्हणने द्वार बंद कर दिये। 6 इस पर सोमने जाकर देरावर पर अधिकार कर लिया । 7 पांच-सात वर्ष जीवित रह कर सोम मर गया। 8 सोमके बेटे सहसमल पर जैसलमेरका । स्वामी (रावल केल्हण चढ़ कर आया। 9 तब सहसमलने गढ़के द्वार खोल दिये और युद्ध करके मर गया। 10 देरावरके गढमें सोम और सहसमलकी देवलियां बनी हुई हैं। II सोमका वेटा रूपसी अपने भतीजोंको लेकर सिंघमें चला गया। 12 पीछे राव वरसिंघने सोमके पुत्र रूपसीको विकूपुर बुला करके, विकू पुरके पांच गांव दिये । 13,14 वजू, कूपासर, सिंध, पीथासर और ग्रावधी इस प्रान्तमें पहले ये गांव राखसिये राजपूतोंके थे, पीछे सोमको (रूपसीको) दिये । रूपसी ग्रावधीमें रहता है ।