________________
मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १४५ मुथरा हरावतरा बेटा
२ जोगी।. २ रतनो। कांधळ सिवदासोतरा बेटा
२ देवराज। रायमलरा बेटा
२ सकतो। २ पतो। २ हरचंद । २ रूपसी ।
भाटी दुरगादास मेघराजोत । मेघराज वीरदासोत । हमीरार वेटा पोता
२ लूणकरण हमीर रो। इणरै बेटा पोतरा जोधपुररै दरबार चाकर।
३ सत्तो लूणकरणोत, राव रणमल साथै चीतोड़ काम आयो । सत्तारो राव रिणमलसूं बोल हुतो- "थां वांस हूं नहीं जीवू।" .. ४ उरजन सत्तावत । राव वीकैजीरै मोहिलांरी लड़ाई काम .... आयो ।
५ सांवत उरजनरो। वीकानेर रावजी श्री लूणकरणजीरै काम आयो।
६ सीहो सांवतरो, मीच मुंवो । ... ७ रायपाळ सीहावत, राव मालदेरै वास । खींवसर पटै । नागोर... रो गांव अटबड़ो, खेजड़लो । पछै राव चंद्रसेनरै वास थो । पछै राव .. चंद्रसेन मोटा राजा ऊपर फळोधी गयो त? काम आयो । - ८ पासो रायपाळोत । राजा भगवानदास कछवाहारै वास थो। .... उठे ही मुंवो।
६ गोपाळदास प्रासावत । वडो रजपूत, पातसाही चाकर थो। ... पछै संमत १६६६ खेजड़लो वसी राखण दियो थो। पछै संमत
___I राव रिणमलके साथ सत्ताकी यह प्रतिज्ञा थी कि तुम्हारे मरने के बाद मैं भी नहीं जीऊंगा। 2 मोहिलोंके साथ राव बीकाजीकी लड़ाईमें काम आया। 3 अपनी मौत मरा। 4 पीछे जब राव चंद्रसेन मोटाराजा पर चढ कर के फलोधी गया वहां काम पाया। 5 उधर ही मर गया। 6 पीछे सम्वत् १६६६ में खेजड़ला गांव बसीके रूप में दिया था।