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मुंहता नैणसीरी ख्यात वरस १ हुवो, केलाकोटरी धरती गांव ४००० मां, छांट न पड़े, ... वाणियारो धांन सारो विकियो । वाणिया वरतिया हिरणरी खबर लेता रहै छै । युं करतां वरस ३ तथा ४ हुवा, मेह न हुवै । सारी परज', सोह' धांन वाळा सको मरण लागा, तरै प्रा बात हूती-हूती' फूल सांभळी । तरै वरतियां वांणियां नूं कह्यो-“काहूं वात सांभळीजै" तरै कह्यो-'वात खरी छै ।" पछै फूल कह्यो-"वडी वाट पाड़ी । पण न जांणां प्रो हिरण जीवै छै कै मुंवो।" तरै इणां कह्यो-"जीवै छै" तरै कह्यो-“यो हिरण कठै छै ?" तरै कह्यौ-"ओ सांमो भाखर छै . तठे छै । मांहरा आदमी दिन दूजे-तीजै जाय जोइ आवै छै ।" तरै फूल उणांनूं साथ लेन असवार १००० जाय घेरियो। उणै हिरण दिखायो । तरै वांस दोडिया 1, तरै वरतिये कह्यो-“वरस ५ रो मेह बांधियोड़ो छ। थे उठ हिरणरा सींग मांहैं सू चीठी मत काढीजो । पछै पाछो मेह आय न सकसी। हिरण मुंवो जीवतो मो कनै लावज्यो। पण थे नांव मत लेजो।" फूल कह्यो-“भली वात ।" .......
इण कोसों ५० तथा ६० वर., वीलेसर डूंगरै13 जातो मारियो। मारनै सींग माहीथा चीठी काढी' । वरजिया था, पण कह्यो .. मांनियो नहीं । चीठी ले पांणी माहै गाळी नै ऊपर आडंग तुरत मंडियो" । मूसळधार वरसण लागो। तरै इणां घरांनूं चलाया । तरै... सारा तूट रह्या । फूलनूं मेह मारियो, सु बेसुध हुय गयो। सु जमलो . अहीर खेरड़ी गांव छ त? घोड़ो फूलनूं ले प्रायो, तरै वैर हेकण दीठो'' तरै जमलानूं खबर हुई, कोई राजवी छ । घणै ग्रहण ..
I दिक गया । 2 प्रजा। 3 सव। 4 सभी। 5 होती-होती, फैलती हुई। 6 सुनी। 7 क्या बात सुनी जाती है ? 8 (१) खूब समय निकल गया । (२) बहुत बुरा हुआ। 9 यह सामा नामको पहाड़ है, वहां पर है। 10 हमारे आदमी दूसरे-तीसरे दिन देख पाते . हैं । II तव पीछे दौड़े। 12 परंतु तुम उसका नाम नहीं लेना (परंतु तुम उसको छेड़ना : नहीं। 13 पहाड़ों पर। 14 मार करके सींग मेंसे चिट्ठी निकाली। 15 मना किया था, परंतु कहा हुआ माना नहीं। 16 चिट्ठी लेकर पानी में गला दी और इधर तुरंत ही घटा छा गई । (प्राइंग =वागम, वांगमकी ऊष्मा) ! 17 तब एक स्त्रीने देखा। 18 राज- . .. . वंशका पुरुष ।