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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ ३०६ तिय बरछो मांहै वाही' | देखे, घास थोथा तो है नहीं ? ताहरां वरछी एक रजपूतरै साथकै लागो । अर अपूठी खांची ताहरां कपड़ेसूं वरछीरो लोही पूंछ नांखियो । दरोगो बोलियो-'रजपूतां ! क्या खड़हरयां सब अस्यां ही होय ? दग-दग गाडियां चाली गई। सरब गाडियांरो छेह प्रायो, ताहरां संझ्या हुई । रात पड़ी । ताहरां गाडियां माहै थी रजपूत नीसरिया” । जाय अर प्रोळां जड़ी । तुरकानूं मार चंवडैजीरी आण फेराई । मंडोवर लियो । धरती मडोवररी माहैसूं तुरक खदेड़ काढिया । . मालैजी सुणियो-'चंवडै मंडोवर लियो।' ताहरां मालोजी साथ कर अर चंवडैजी कनै आया । चूंडोजीसू मिळिया। कह्यो-'साबास सपूत !' ताहरां भगतरी तयारी हुई। मालोजी बोलिया-'लोक घणो छ । इयांनू नियारा बैरावो । प्रांपै भेळा जीमस्यां15 ।' - ताहरां सवणीए बियो पटाभिषेक कियो । राव चंवडोजी कहांणो"।
रावळ मालोजी महेवै गयो। चंवडोजी भली-विध मंडोवर राज करै छै। चंवडैजी बोजी ही धरती घणी लीवी ' । वीमाह १० किया। १४ बेटा हुवा१ राव रिणमल ।
१ अड़कमल । १ सतो।
१ रणधीर । I एक मुसलमान दरोगा था जिसने गाड़ी ( के घासमें ) बरछीका प्रहार किया। 2 देखता है कि, कहीं घास थोथा तो नहीं है ? 3 तब बरछी एक राजपूतकी जंघामें लगी। 4 और जब बर छीको वापस खींचा तो कपड़ेसे बरछीके लगा हुअा खून पोंछ डाला। 5 दारोगेने कहा-राजपूतो ! सभी खड़हेरियां ऐसी ही ( भरी हुई ) हैं न ? 6 जब सभी गाड़ियोंका अंत आया, तब तक संध्या हो गई और रात पड़ गई। 7 तब गाड़ियोंमेंसे राजपूत निकले। 8 और उन्होंने जाकर पौलें बंद करदीं। 9. मुसलमानोंको मार कर चंडाकी आन-दहाई फिरवा दी। 10 मंडोर पर अधिकार कर लिया। [I मंडोरकी धरतीमें से मुसलमानों को खदेड़ कर निकाल दिया। 12 तव भोजनकी तैयारी हुई। 13 मालाजीने कहा कि-मेरे साथ बहुत लोक हैं। 14 इनको अलग विठायो। 15 अापन एक थालीमें भोजन करेंगे। 16 तब शकुनी लोगोंने चूंडाजीका दूसरा पट्टाभिषेक किया। 17 चूंडाजी 'राव' कहलाया। 18 अच्छी प्रकार | 19 बूंडाजीने दूसरी भी बहुत-सी धरती अपने अधिकारमें कर ली। 20 दस विवाह किये और १४ बेटे हुए ( चूंडाजीरा चवदै वेटा, चवदै ही राव कहांगा ) । 21 अरड़कमल।