Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 02
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 330
________________ ३२२ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात हालियो । घरै पाय, घर माहै रातरौ चांनणो कियो । ताहरां. गोगादे कह्यो-'जावो देखो, खबर करो तेजै वानररं घरै चानणो क्यु छै ? देखो, प्रायो न छै ?' ताहरां आदमी पाय खवर कर गया। कह्यो-'राज ! तेजसी वानर प्रायो छ ।' तद कह्यो-'बोलाय ले अाव।' तद बोलाय ले आयो । गोगादेजीसं मिळियो । ___बीजै दिन गोगादेजी तळाव सिनांन करणनूं पधारिया । साराही लोग तळाव मांहै झूलणन पैठा। गोगादेजो पाप सिनांन करणनूं पैठा। पण वानर तेजौ तळाव मांहैं वड़े नहीं। ताहरां गोगादेजी तेजैनूं सूंस दिराय तळाव मांहै झूलणनूं तेड़ियो । मांहि गयो । ताहरां गोगादेजो मगरांमें परांणीरा घाव दीठा, तद कह्यो-'यो काखू छै!' ताहरा उठे रजपूत वहुत दिलगीर हुवो । ताहरांगोगादेजी कह्यो-'रे किसै वास्त? ताहरां रजपूत सारी हकीकत कही। कह्यो-'राज ! थांहरो कर मारियो छै। ताहरां गोगादेजी कह्यो-'किसो गांम' ?' ताहरां ईयै कह्यो-'राज ! मीतासर रांण मांणकराव14 ।' ताहरां गोगादेजी कह्यो-'धीरज राखि, देखां, श्री परमेश्वर काढूं करै15 ?' पछै मोहिलां ऊपर कटक कियो । कितरैहेकै दिनै देव-ऊठणी एकादशी आई, तिये दिन प्रापरो साथ ले गोगादेजी मीतासर ऊपर ... चढिया। गांव माहै सतावीस वीमाह; रजपूत, जाट, वांणियारै ___ I और यह अपने घरको चला। 2/3 घर पर पाकर जब उसने दीपक जला कर रातको प्रकाश किया, तब गोगादेने कहा-"जाकर देखो तो, पता लगायो कि तेजा वानरके : घर में प्रकाश क्यों हो रहा है ? वह आ तो नहीं गया है ?" .4 गोगादेजीसे मिला। 5 दूसरे . दिन गोगादेजी तालाब पर स्नान करने को पधारे। 6 साथके सब ही लोग स्नान करनेको .... तालावमें घुसे । गोगादेजी स्वयंने भी उसमें प्रवेश किया। 7 परन्तु तेजा वानर तालावमें प्रवेश नहीं करता है। 8 तब गोगादेजीने शपथ देकर तेजेको स्नान करनेके लिए तालाबके अन्दर बुलवाया। 9 अन्दर गया तव गोगादेजीने उसकी पीठ पर परानीके घाव देखे तो .. उन्होंने कहा-"यह क्या बात है ?" 10 तब वह राजपूत वहां बहुत उदास हआ। II तब गोगादेजीने कहा- "मेरे किस लिये ?" 12 आपका राजपूत हूँ, ऐसा जान करके मुझे मारा .. है। 13 कौनसा गांव ? 14 तब उसने कहा-राजन् ! मीतासर गांवके राना माणक-: : राबने । 15 तब गोगादेजीने कहा--'धीरज रखो, देखो, श्री परमेश्वर क्या करते हैं ?" . . 16 कितनेक दिनोंके बाद जब देवोत्थनी एकादशीका दिन आया, उस दिन अपना साथ लेकर ... गोगादेजीने मीतासरके ऊपर चढ़ाई कर दी। .

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