________________
मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ ३३१ नाडूळसू अपलांणै घोड़े चढि दोडिया' । आगै देखै तो चारण कूकतो' प्रावै छै । कह्यौ-'क्यु, खोसियो के तो यूँ ?' ताहरां चारण बोलियो'रे! मोनूं न खोसियो; थांयूँ खोसिया। रे ! रिणमल नाडूळ लेहो,।' कह्यो-'रे, कदी ?' आज लेही । रे, रजपूतां ! रिणमल एथ आय रह्यो छै' । बाप काढियो छै, अर प्रो' खरच करै छ । सु कोहीकारै माथै कड़कसी ।' 'कोहीकां रै, कैरै11 ?' 'सोनगरांरै माथै ; नाडूळ लेही । का हुलार माथै कड़क, सोझत लै। बीजो किणी ही माथै नहीं । हूं पुकारू छु रे, कान दीयै, कोई ऊलै कान
सुणज्यो ! म्हारो क्युं लोजै नहीं; पण थांहरी धरती लीजै छै" । .वाहर करो" ।' ..
पछै कितराहेक दिन रिणमलजी अठै रहिनै पर्छ चीत्रोड़
पधारिया । चीत्रोड़ मांहै रांणो लाखो राज करै । चूंडो कुंवर छ । - सु चीतोड़ छतीस ही राजकुळी चाकरी करै । वडो हिंदुसथान, ... वडो राज' । अठै रिणमलजी पण दीवांणरी चाकरी करै । ... एक दिनरो समाजोग छ। रांणो लाखो सिकार चढियो छ ।
चूंडो कुंवर साथै छ । प्रागै दरवाजै नीसरतां देखै तो एक कुंभार परणीज'र पावै छै । दरवाजै माहै पैसै छै । ताहरां दीवांण ऊभो
___ 1 तव नाडोलके लोग अपने घोड़ों पर बिना जीन रखे ही सवार होकर दौड़े। 2 पुकार करता हुया। 3 तेरेको किसीने लूटा है क्या ? 4 अरे ! मुझको नहीं लूटा है, तुमको लूटा है रे ! रिणमल नाडोल ऊपर अधिकार कर लेगा। 5 अरे ! कब ? 6 श्राज ले लेगा। 7 रिणमल यहां पा रहा है। 8 बापने उसको निकाल दिया है। 9 यह। 10 सो यह किन्हींके ऊपर आक्रमण करेगा। II कोई किनके ऊपर ? 12/13 या तो सोनगरों पर आक्रमण कर के नाडोल लेगा या हुलोंके ऊपर आक्रमण कर के सोजत ले। 14 दूसरे किन्हीं पर नहीं। 15 अरे ! मैं पुकार कर कहता हूँ, कोई मेरी बात पर कान देना । कोई इधर आकर मेरी वात सुनना। 16 मेरा कुछ नहीं लिया जा रहा है; परन्तु तुम्हारी धरती ली जा रही है। 17 दौड़ कर पीछा करो। 18 कितनेक दिन रिणमलजी यहां रह कर फिर चित्तौड़ पधारे। 19 चित्तौड़में क्षत्रियोंके - छत्तीस ही राजवंश चाकरी करते हैं। 20 मान-प्रतिष्ठामें हिन्दुस्थानका बड़ा राज्य । . 21 यहां रिणमलजी भी दीवान (राना)की चाकरी करते हैं। 22 आगे जन दरवाजेसे निकलते हुए देखते हैं तो एक कुम्हार विवाह कर के पा रहा है। 23 दरवाजेमें प्रवेश कर रहा है।