________________
२७६ ]
मुंहता नैणसीरी ख्यात
राव पालथांनजी री वात चावड़ीरै तीन पुत्र हुवा छै, अतुळीबळ', - महा पराक्रमी । यूं करतां रावजी सीहोजी देवगत हुवा । सु वडो बेटो टीकै बैठो। ..
चावड़ीरै वेटा नान्हा' । ताहरां चावड़ी बेटा लेअर पीहर पाई. छै । हिवै रांणी चावड़ी अॐ पीहर रहै । बेटा दिन-दिन मोटा हुवै छ । प्रतापवान, तेजवंत, महा बळिष्ट । कुंवर जवान हुवा। .. . __ एक दिनरो समाजोग छ । कुंवर तीनेही चोगांन रमै छ । रमतां थकां गेंद जाइन एक डोकरी छांणा चुगती हुती, तियेरै पगां माहै .... जाय पड़ी । ताहरां कुंवर गेंद लेण आयो। डोकरीनूं कह्यो-'गेंद दे।' डोकरी कह्यो-'म्हारै माथै भार छै, थे उतरनै ल्यौ ।' ताहरां लेता ... थकां डोकरीनूं धको आयो नै छांणा विखर गया । डोकरी बोलीम्हांईजरां घरां माहै' मोटा हुवा, अर ठकुराई१२ मांडो'; मांमारै परसाद खाय'४ अर मोटा हुवा छो; अर वळे मांमारा लोकांनूंई मारो छो । आपरै तो ठोड़ न थी।'.
इतरो सुणनै घरै अाया। आय अर मान पूछियो। 'मां ! म्हो'६ :: कवण' छो'८ ? कठै म्हारो पिता छै ? कठे पळां छां'६ ? लोक कहै ... छ, आपरै तो ठोड़ नहीं ।' तद मा कहै-'लोक भख मारै ।' पण . . ईयै अाग्रह कियो' । त्यौं मा कह्यो-'जु थे नांनेरै२२ पळो छो।' तद... पाधरा मांमै गोढे जाए सीख मांगी। मांमै घणो ही आग्रह कियो ; ...... पण पासथांन रह्यो नहीं । सीख कीवी। सु उठारा चालिया ईडर४..
___I अतुल्य बलशाली। 2 देवगतिको प्राप्त हुए, मर गये। 3 छोटे। 4 तद चावड़ी अपने पुत्रोंको ले कर मायके आ गई है। 5 अब रानी चावड़ी यहां पीहर में ही रह रही है। 6 तीनों ही कुमार मैदानमें खेल रहे हैं। 7 खेलते हुए। 8 एक बुढ़िया कडे बीन रही थी, .. उसके पांवोंमें जा कर गेंद पड़ी। 9 तुम । 10 बुढ़ियाको धक्का लग कर उसके कंडे विखर गये। II हमारे ही घरोंमें। 12 ठाकुरपन ( मालिकी)। 13 करना शुरू किया। 14 मामाका अन्न खा कर । 15 फिर मामाकी प्रजाको ही मारते हो? 16 हम । .... 17 कोन । 18 हैं। 19 हम कहाँ परवरिश पाते हैं ? 20 लोकोंके कहने पर ध्यान मतं. दो वे यों ही बकते हैं। 21 परन्तु इन्होंने हठ किया। 22 नानाके घरमें । 23 तव सीधे .. मामाके पास जा कर जानेके लिये आज्ञा मांगी। 24 गुजरातमें महीकांठा प्रान्तमें एकनगर है।