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मुंहता नैणसीरी ख्यात नीसरिया' । जसै घणा जाळ, घणा खेजड़, सूरज दीसे नहीं, जैड़ी ... झंगी तेथ गया । वसती कठै लाभ नहीं । इयै भांत सिकार रमै ।
एक दिन प्रभातरा चढ़ि नीसरिया । एक ठोड़ आया । प्रागै देखै ...... तो कोहर तेविन, धाव पायने मरद तो सोह गांम गया छै । एक ... बैर जावै छै। सु साठीको कोहर, तियैरी वरत छै सु वरत सांवटिनै काख मांहै घाली छ । कोस पंजाळी बांह माहै घातिया छ । माथै बिघड़ियो भरियो पांणीरो छै अर मारग चाली जाय छ । ताहरां पूछियो-'महेवैरो मारग कठै छै ?' ताहरां लांवो हाथ करनै मारग दिखायो। ताहरां सारा कहण लागा-'देखो ठाकुरे, छोकरीरो वळ ! देखो, कितरो' भार उठाये जावै छै ।' ताहरां एक असवार घोड़े हूं1 उतरने ढाल भार भरनै उपाडणं लागो, सु कळाईतूं ढाल उपड़े नहीं । ताहरां सारा बोलिया-'धन्य वा छोकरी, जिये इतरै भार थकां बांह लांबी कीधी !' ताहरां हेमो सीमाळोत वोलियो-'जावो, खबर करो कुवारी छै कना परणी छै* ?' ताहरां एक असवार दोड़नै खबर कर आयो, 'जु कुंवारी छ।' ताहरां औ ठाकुर वै पग-पगै
I अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर शिकारके लिये निकल गये। 2 जहां पर : घने जाल वृक्ष और घने शमी वृक्ष, झाड़ी ऐसी कि सूर्य भी नहीं दिखे, ऐसे स्थान पर गये । 3 कहीं बस्ती देखनेको नहीं मिले। 4 आगे देखते हैं कि कुएंको सींच कर और अपने पशुओंको पानी पिला कर मर्द तो सब ही अपने गांव को चले गये हैं। 5 स्त्री। 6 साठीका . कुंयाँ, जिसके मोटे रस्सेको समेट कर कांखमें डाले हुए है। साठीको कोहरं = साठ पुरुषका... .. गहरा कुआँ। वरत = चरसेको पानी से भर कर के कुएंमेसे खेंचनेके लिये चरसेके बंधा हुना चमड़ेका मोटा रस्सा। 7 कोश (चरसा) और पंजाली बांहमें डाल रखे हैं। पंजाळी = कुएँ मेंसे पानी निकालनेके लिये चरसेमें या बैलगाड़ी में जुते हुए दो बैलोंको एक दूसरेसे अलगनहीं होने देनेके लिये उनके कंधोंमें डाला जाने वाला जूएकी तरहकी लकड़ीका एक चौखटा। . . .8 सिर पर पानीसे भरा हुआ विघड़िया है। विघड़ियो = वि घड़ियो, दो घड़े या दूसरा घड़ा। घड़ेके ऊपर दूसरा छोटा घड़ा। सिर पर उठाया जाने वाला पानी से भरा बड़ा घड़ा और उसके ऊपर रखा जाने वाला दूसरा छोटा घड़ा। 9 महेवेका मार्ग कहां पर है ? . 10 कितना। II घोड़ेसे। 12 उठाने लगा। 13 धन्य है उस लड़की को जिसने इतना बोझा होते हुए भी अपने हाथको लंवा कर दिया । 14 जाओ और पता लगाओ कि यह क्वारी है अथवा व्याही हुई है ?