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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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पड़िया' । आजम खां नरा मांणस ७०० कांम आया । खेत हाथ आायो' । बीजै' दिन ग्राजमखांन नवोनगर लूंटियो । पछे जांम वात कर मेळ कियो । घोड़ा ५ जांम दिया । घोड़ा १० री जमै प्रागै की, सु वरसावरस छै । आप मिळियो । प्रमीखांन दिसिया को" मारल्यो, थांहरो गुनेगार छै"।" हमें घोड़ा ६० वरसावरस द्ये छे' । गीत जांम सत्तारो
परी राख पतसाह वळ बांह अहमंदपुरो,
अभंग लखधीर इम कियो आागे ।
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सतो मांगे नहीं धीर साहण समद, मीरजां मीरसूं बाथ' मांगे ॥ १ अमी खंगार नह मुदाफर ऊगरै, हुवा अळगा विना झाटकै हाथ " । साह राखै सरण साह बीजा 1 सरस, सूर मांगे तो बाथ समराथ ॥ २ आदि लगि सरण साधार लाखा हिमैं 12, भलो सत-साल 13 इम 24 भला भावां | मांगी पातसाह मा " मांग जुध मीरजां, आव मैदान मैदांन आवां ॥ ३
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गीत
पैसंतां लार'" लाख दळ पैठा", ढाल वाळिया लोथां 18 ढेर |
I जामके १८०० आदमी रणखेत रहे । 2 ( श्राजमखांकी) विजय हुई | 3 दूसरे । 4 पीछे जामने संधि कर के मेल कर लिया। 5 दस घोड़े और आगे देते रहने की शर्त्तकी, सो प्रति वर्ष देता है। 6 स्वयं उससे मिला और अमीखांके संबंध में कहा उसे मार डालो, वह तुम्हारा गुनहगार है । 7 अव प्रति वर्ष ६० घोड़े देता है । 8 भुजानोंके बलसे । 9 युद्ध | 10 बिना प्रहार किये ही ( युद्ध किये बिना ही) अलग हो गये । II दूसरे । 12 अव | 13 शत्रु शल्य, शत्रु के लिये कांटा रूप । 14 इस प्रकार । 15 मत, नहीं । 16 पीछे। 17 घुस गये प्रवेश किया । 18 लाशोंके ।