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मुंहता नैणसीरी ख्यात वात जाम ऊंनड़ सांवलसुध कवि रोहड़ियानू प्राऊठ
___ कोड़-सांमई दी तिणरी ____ लाखा फूलांणी कनै सांवळसुध कवि रहै। लाखो वडो दातार छ। तिण ऊंनडरै मन आई जु किण हीक' वडै पात्र मोज दीजै । तर सांवळनूं आप कनै सांमई तेडियो । त? आयो तरै सांवळरो घणो .. आदर कियो। ____पछै वेळा २ तथा ३ मुजरै आयो तरै कयो-"क्युं जस करो।" तरै लाखारो जस करणो मांडियो । तरै पूरो (द) सुहावै नहीं। तरै चोथै दिन आयो, तरै कयो-"क्युं जस करो।" तर सांवळ कयो"म्हे लाखारो जस करां, सु राजनूं सुहावै नहीं। लाखा जिसो और . :: कुण छै' ?" तरै ऊंनड़ कयो-"लाखो किसो दातार छै ? पूतळो सोनारो वाढे छै, दांन दै छै। मड़ो घर मांहै राखै छै । सूतग लागै ...: छै° । दातार होय तो एकण किणून परो दै नहीं तरै11 ?" तरै सांवळ कयो-"राज तो पाऊठ कोड़-बंभणवाड़रा धणी छो । उण इतरी :विलायत दे सको नहीं तो सत बोलै छै । राज पाऊठकोड़-बंभणवाड़ एकण किणीनूं दातार छो तो परी दो।" ऊंनड़ बात दिल माहै राखनै परधानांनूं कयो--"फलांणी ठोड़ राजलोक और लोकांरी वसी सूधा जात जास्यां15 । तयारी करो।" सिगळां तयारी की। पर्छ भलो दिन जोय", दीवांण वरणाय सारा उमराव तेड़नै सांवळसुध कविनूं डेराथी तेडायनै आपरै तखत बैसांणनै21 आऊठ-लाख सांमई
____I किसी एक। 2 दान। 3 तब सांवलको अपने पास सामई बुलाया। 4 वहां ... 5 कुछ मेरा यश वर्णन करो। 6 तव उसने लाखाका यश वर्णन करना शुरू किया। . . 7 लाखाके समान और ऐसी कौन है ? 8 सोनेका पुतला काटता है। 9 घरमें शव पड़ा रखता है। 10 मरणाशीच लगता है। II वह यदि सचमुच ही दातार हो तो किसी एकको ही वह सुवर्ण-पुतला दान क्यों नहीं कर दे? 12 आप तो आउठकोड़-बंभरणवाड़ प्रदेशके स्वामी हो । 13 उसके जितना प्रदेश आप दे सकते नहीं। 14 आप भी यदि ऐसे ही दातार हैं तो आउठकोड़-बंभणवाड़ किसी एकको दान कर दें। 15 अमुक स्थान पर ... रनिवास और अपनी वसीकी प्रजा सहित यात्राको जायेंगे। 16 सबने तैयारी की। ... 17 देख कर ।... 18 दरवार भर कर। 19 वुला कर। 20 वुलवा कर ! 21 अपने सिंहासन पर विठा कर !