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' मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १७७ ४ धनो आसावत । राव मालदेजीरै फळोधी काम आयो।
३ भोजो जोधावत । संमत १६०० सईके सूर पातसाह आयो तद जोधपुर गढरी प्रोळ हाथो दे तुरकांसू विढ मुंशो' ।
४ वैरसल भोजावत । ५ गोपाळदास वैरसलोत। संमत १६६६ बूटेळाव सोझतरो पटै । ६ राघोदास । महेसदास दलपतोतरै वास थो। ४ वीरो भोजावत। • ५ देईदास वीरावत । ४ राजधर भोजावत । ५ पतो राजधररो। ६ केसोदास पतावत । ५ कल्याणदास राजधररो। वीकानेररै देस । ३ पंचाइण जोधावत । वडी वेढ काम आयो ।
४ जगमाल पंचाइणोत । राव मालदेवजी फळोधीरै साथसू वेढ हुई तद काम आयो।
५ केसोदास जगमालोत । द्वारकादास मेड़तियैरै वास । ३. मालो जोधावत । ४ अांबो मालावत । झरी वेढ कांम आयो' । ५ कान्हो प्रांबावत। ६ भंगवांन । ७ सुंदर। ७ वरजांग। ७ जोधो । ६ करन कान्हावत । ७ वरसिंघ । ७ अमरो। ६ बलू कान्हावत ।
I सम्वत् १६०० शतीमें सूर वादशाह चढ़ कर आया तब जोधपुर किलेकी पोल पर अपने हाथका चिहृ देकर तुर्कोसे लड़ कर मरा। 2 संवत् १६६६में सोजत परगनेका बूटेलाव गांव पट्टे में। 3 राजघरके बेटे कल्याणदासका बीकानेरके देश में निवास। 4 बडी लड़ाईमें
काम आया। 5 राव मालदेवजीकी फलोधीके साथसे लड़ाई हुई उसमें जगमाल काम पाया। ... 6 द्वारकादास मेड़तियाके यहां निवास (नौकर)। 7 झझूकी लड़ाईमें काम आया।