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मुंहता नैणसीरी ख्यात ले नै आपरा पत्तर माहै घालियो, पाणी भेळो नाईन पी गयो' । नै भीवनूं कह्यो-"खीच तैं प्रो खाचो हुतो तो तूं अमर हुवत । म्है तोन इण धरतीरी साहिवी दी ।" माथै हाथ दिया। कह्यो-"कारी साहिबी म्हे तोनूं दी, पण जोगियांरी सेवा घणी करीजे, ज्यूं घणा दिन राज रहै ।" तरै भींव कह्यो-"राज कहस्यो ज्यूं करीस"।" .. तरै जोगिये इतरो कर बतायो-"थारी साहबी राजथांन लाखड़ी... करै नै जोगियांरो आसण धीणोद करै। देस सिगळे दसे घोड़िये बोड़ी, दसे भैंसे भैंस, दसे सांढे सांढ, कर कियो। हाट ? महमूदी बरस १ री लागै । जायै, परणिय महमूंदी २ लागे। देस सिगळे हळ १ सेई। इतरो कर धूंधळीमल नै गरीबनाथ वतायो। ने कह्यो-“जोगियारी विसेस सेवा करस्यो तो दिन-दिन सवाई ठाकुराई हुसी । सेवा मिटसी . तरै ठाकुराई जासी !" यूं करने भीवनूं निवाजिया । तर भीत्र जोगियांनें कह्यो-"धरती माहै धोधा धणी छ, इणां याग म्हे साहबी किण भांत लेस्यां" ?" तरै जोगी कह्यो-"इणांनूं मांहरो सराप हुवो ... छै। इणां माथै अजांणकरी कठाहीरी फोज आय पड़सी । इणांनूं मारिया सुणो, तरै थे साथ करने जाजो' थांहरै वांस माँहरा हाथ छै । साहवी प्रासांन हाथ आवसी । थां आगे कोई टिकसी नहीं। ...
__I पानीके साथ मिला कर पी गया। 2 यह खीच यदि तैने खा लिया होता तो तू अमर हो जाता। हमने इस देशका राज्य तुमको दिया। 3 सिर पर हाथ रखे। 4 ग्राप कहेंगे वैसा करूंगा। 5 तव योगियोंने कहा-'तेरे राज्यकी राजधानी लाखड़ी में बनवाना
और योगियोंका ग्रासन घीणोदमें वनवाना और इतना कर लगाना-सारे देश में दस घोड़ियोंमें एक घोड़ी, दस भैसोंमें एक भैस और दस सांढ़ोंमें (ऊंटनियोंमें) एक सांढ़, यह कर निश्चित किया। प्रति दुकान प्रति वर्ष एक महमूदी और जन्म और विवाह पर दो महमूदी और सारे देश में प्रति हल एक सई अनाज । इतना कह कर धूधलीमल और गरीबनाथने बताया और कहा कि योगियोंकी विशेष सेवा करोगे तो दिन .. प्रति दिन ठकुराई सवाई होती रहेगी । सेवा मिटेगी तब ठकुराई चली जायेगी। 6 इस प्रकार भीमके ऊपर कृपा की। 7 देशके स्वामी घोधा हैं, इनसे हम किस प्रकार राज्य लेंगे? . . . 8 इनको हमारा शाप लगा है। इनके ऊपर अचानक ही कहींकी सेना चढ़ आयेगी। 9 इनको
मार दिया सुनो तब तुम अपनी सेना बना कर चले जाना। 10 तुम्हारे पीछे हमारे हाथ .. ... ... हैं । (हमारा दिया हुअा वरदान तुम्हारे साथ है ।) II राज्य सरलतासे हाथ आ जायेगा।