________________
मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ २२३ साहिबनूं झटको वाह्यो सु टोप लाग टळियो । साथ भागो नै रावळ उपाड़-उपाड़ नांौ । तरै खंगार आपरांनूं कह्यो -"रावळनूं मत मारो।" रावळरा रजपूतांनूं कह्यो-"थांहरो वाप परो काढो ।” तरै सोढै नदै रावळरै बूड़ोरी दी, तरै किणीके कह्यो -'भूलै वाही ।' तरै कह्यो-"भूलो न छ, सांड आंकिया कह्या, मारणा न कह्या" ।" रावळ फूलनूं वरछी वाही, सु भेवडै लागी, सु भागी। तरै रजपूते रावळनूं कही-"अाज पाधरो नहीं ।" तरै ले नीसरिया । माणस २५ रावळरा खेत पड़िया। वीजा डोळिये उपाड़िया। रावळ पाछो प्रायो, तरै जिकै वरछी वाहि सकियो न था, त्यां बरछीरो फळ, वूड़ी भांज नै पाहोरा मांहै घाती थी। सु रावळ घोड़ांनै धांन देणरै मिस पाहोरा मंगाया, तरै मांहिंसूं १२० बरछियांरा फळ बूड़ी नीसरिया । तरै रावळ कह्यो“यांनूं पाहीज सझा जु यांरी घोड़ियांरी बछेरी व्है सु यारी नै बछेरा व्है सु रावळा।" सु यां रजपूतांरा केड़ायतां प्रागै अजेस बछेरा लीजै छै । तठा पछै रावळ फेर खंगारसूं वारी न नांखी। रावळरी नवैनगर वडी साहबी हुई। वडा-वडा दान किया। बावन हजार घोड़ा जाचिगांनूं दिया । ईसर वारहटनूँ कोड़ि दीनी' । खंगाररी ठाकुराईतूं सवाई-दोढी की15।।
दूहा दोय वीठू खंगारनूं कहै - . प्रो खांगो अवियाट", तुरका ही नूं तेवडै ।
झालां ही न झाट, हालां ही यूँ हेकड़ी2 | १ 1 साहिबके ऊपर तलवारका प्रहार किया। 2 तब खंगारने अपने सैनिकोंको कहा। 3 तुम्हारे वापको (स्वामीको) निकाल दो। 4 बरछीका वांस। 5 तब किसीने कहा। 6 भूलसे बांसका प्रहार किया। 7 भूला नहीं हूँ, यह कहावत है कि 'सांड दागे जाते हैं, मारे नहीं जाते । (पाट-घाव नहीं किया जाता, चेतावनी के लिये उन पर सफल वार कर के उन्हें लज्जित करना पर्याप्त होता है)। 8 अाज तुम्हारा दिन तुम्हारे अनुकूल नहीं है। 9 अन्य पाहतोंको डोलियोंमें डाल कर उठा ले गये । 10 इन लोगोंको यही सजा दी जाये कि इनकी घोड़ियोंसे जो बछेरियां उत्पन्न हों सो तो ये खुद रख लें और बछेरे उत्पन्न हों जो राज्यको दें। II सो इन राजपूतोंके वंशजों से अभी तक इस दंडके रूप में बछेरे लिये जाते हैं। 12 जिसके बाद रावलने खंगारसे अड़नेका फिर साहस नहीं किया। 13 याचकोंको बावन हजार घोड़े दानमें दिये। 14 बारहठ ईशरदासको एक करोड़का दान दिया। 15 रावलने अपना राज्य खंगारसे सवाया-ड्योढ़ा बढ़ा लिया। 16 चारण वीठूने खंगारके संबंधमें दो दोहे कहे हैं। 17 वीर। 18 निपट लेता है। 19 प्रहार । 20 हठ, युद्ध ।
- ... ... :