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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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'५ गोपाळदास रांणावत । संमत १६६६ चंडाळियो पटै । ४ ऊदो रामावत । जोधपुररं गढरोहा मांहै रांम कह्यो । ५ खेतसी ऊदावत । कल्यांणदास रायमलोतरो चाकर थो । संमत १६४५ कल्यांणदासजी सिवांण कांम आया तद लोहड़े पड़ियो । पछै कांन किसानवत उपाड़ियो । साजो हुवो तद सं० १६४६ रावळै जाटवास पटै दियो ।
६ वीको खेतसीयोत । जाटीवास पटै ।
७ रामसिंघ वीकावत । संमत १६८६ प्रथीराज बलुवोत रैकांम आयो । पठांणरी वेढ चांबळ नदी ऊपर हुई तठै ।
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७ करमसी वीकावत । जेसावस नै टीबडी पटै ।
७ सांवतसी वीकावत ।
७ धनराज वीकावत | जाटीवास पटै ।
६ वरसिंघ खेतसीयोत । संमत १६७१ भगतावासणी पटै । सं० १६८६ सीहारो मेड़तारो पटै ।
७ कूंभो वरसिंघो । ७ आसो वरसिंघोत |
६ सेखो खेतसीयोत । संमत १६८६ जोधड़ावास मेड़तारो पटै ।
७ महेस सेखावत । ७ रुघनाथ सेखावत ।
५ मांनसिंघ ऊदावत । खेतसीरा गूढा ऊपर तुरक आया तठे कांम ग्रायो' |
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५ नरसिंघ ऊदावत । खेतसीरै गूढ कांम आयो, मांनसिंघ भेळो" । ३ नराइण जोधावत ।
४ कलो नारणोत ।
I जोधपुर के गढरोहे में मरा। 2 यह कल्याणदास रायमलोतका चाकर था । सम्वत् १६४५में कल्याणदासजी सिवाना में काम आगये उस समय यह (खेतसी) घायल हो गया था तब कान्ह किसनावत इसे उठा कर ले गया । जब स्वस्थ हुआ तब महाराजाने जाटीवास गांव पट्टे में दिया । 3 सम्वत् १६८६ में पृथ्वीराज बलुग्रोंतकी चंबल नदी के किनारेपर पठानोंसे लड़ाई हुई उसमें रामसिंह काम श्राया । 4 जैसावास और टीबड़ी गांव पट्टे । 5 सम्वत् १६७१ में भगतावासरणी गांव और सम्वत १६८६ में मेड़ते परगनेका सीहारा गांव पट्टेमें । 6. सम्वत् १६८६ मेड़ते परगनेका जोधड़ावास गांव पट्ट में। 7 खेतसीके गुढे पर तुर्क चढकर आये उसमें काम श्राया। 8 मानसिंहके साथ खेतसीके गुढे पर काम आया ।