________________
मुंहता नैणसोरी ख्यातं . [ ११७ इतरा कोट चाचै भोगविया'१ पूगळ, १ केहरोर, १ मरोट, १ मुंमणवाहण, १ देरावर ।
चाचारी वडी ठाकुराई हुई। चाचो कटक करनै पोकरण राव वरजांग ऊपर आयो। पोकरण झूबियों । भूतड़ा महाजन महेसरियांरा कितराहेक गाडा सै उचाळे ले पायो । सु वे भूतड़ा आज सूधा पूगळमें रहता -
राव चाचारा बेटा
३ राव वैरसल, पूगळ पाट हुवो। जिण नवो कोट वैरसलपुर करायो।
३ रावत रिणधीर चाचारो, तिणनूं देरावर । भाई वटै वैरसल लियो थो। तिणरै वांसला नेतावत-भाटो । विकूपुररै देस, नोखसेवई ।
रावत रिणधीर रा बेटा४. वीरमदे। ४ लखमण। ४ मूळो। ४ अजो। वीरमदेरा बेटा५ विजो वीरमदेरो।
३ कुंभो चाचारो। इणरै ६ नेतो, तिणरा नेतावत' । वांस को नहीं ।
३ महिरावण चाचारो' । देरावर एकण भांतरी ठोड़ । रिणधीर मची मुवो1 । बेटा४ वीरमदे, ४ लखमण, ४ मूळो, ४ अजो हुता । पण ठोड़ एकण भांतरी, इणांसू अठै रह्यो न जाइ, सारै सिंधरै
1 चाचाने इतने कोटोंका उपभोग किया। 2 चाचा सेना तैयार करके वरजांग . ऊपर पोकरण चढ़ पाया और पोकरणको लूटा। 3 वहांके भूतड़ा जातिके माहेश्वरी बनियोंको उचाला करा कर ले आया। (उचाळा=बहुत से परिवारों का एक साथ सामूहिक रूपसे अपने निवास स्थानका सदाके लिये त्याग करके अन्य गांवको किया जाने वाला प्रस्थान ।) 4 वे भूतड़े अाज तक पूगलमें रहते हैं। 5 जिसके वंशज नेतावत-भाटी कहलाते हैं। 6 विकूपुर प्रदेशमें इनका गांव नोख-सेवड़ा। 7 नेता, जिसके वंशज नेतावत-भाटी।
8 चाचाका वेटा कुभा, इसके वंशमें कोई नहीं। 9 महिरावण चाचाका बेटा। 10 देश. . . वर एक ऐसी (खतरेको) जगह । II रणधीर अपनी मौत मरा। 12 इनसे यहां
रहा नहीं जाता।